heart desire
zest for ur desire
Monday, February 14, 2011
एक लम्हें ने जिंदगी सँवार दी
एक लम्हे ने जिंदगी उजाड़ दी
क़सूर उनका नहीं हमारा था ,
जो उन दोनों लम्हों में हमने जिंदगी गुजार दी
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
झूट
तेरे हर झूट पे यकीन करने का मन करता है पर क्या करें तेरा हर सच बहुत कड़वा होता है
झूट
तेरे हर झूट पे यकीन करने का मन करता है पर क्या करें तेरा हर सच बहुत कड़वा होता है
(no title)
जननी हूँ तेरी ना लूट मेरी आबरू सरेआम मानती हूँ रखवाला तुझे अपना ना तोड़ मेरा भरोसा सरेआम
(no title)
क्यूँ आज मन उदास है क्यूँ आज सपने नहीं मेरे पास है क्या उठ गया है विश्वास खुद से की शक में शक्शियत मेरी आज है
No comments:
Post a Comment