Friday, April 22, 2011

उसको चाहा भी तो इज़हार करना न आया 
कट गयी उम्र सारी हमें प्यार करना न आया 
उसने माँगी भी तो जुदाई माँगी 
और हमें इंकार करना न आया

Sunday, April 17, 2011


क्यूँ आज मन उदास है 
क्यूँ आज सपने नहीं मेरे पास है 
क्या उठ गया है विश्वास खुद से
की शक में शक्शियत मेरी आज है 

झूट

तेरे हर झूट पे यकीन करने का मन करता है  पर क्या करें तेरा हर सच बहुत कड़वा होता है