किस्मत वो शब्द जिसे हर कोई जानना चाहत है बड़ा ही विचित्र किस्म का शब्द है | कोई जान कर भी अनजान है और जो नहीं जानता वो उलझन में है | आखिर क्या लिखा है किस्मत मै काश जान पाते तो चन्द ख़ुशी के पल लिख देते
Sunday, September 25, 2011
Wednesday, September 21, 2011
वक़्त
आज जो मिले ख़ुशी से हम कल गम भी हमने ख़ुशी से बाटें थे
थे रेत की राहों पे और सिमटे थे साहिल की बाहों में
आज महसूस हुई जो लहरों की चोट तो समझ में आया
ना हम तुम्हारे थे ना तुम हमारे थे
ये तो वक़्त की ज़रुरत थी तुम्हारी जो तुम मेरे किनारे थे
जो अब राहें हैं अकेली और हम भी हैं तनहा
तो याद आता है वो लम्हा जब तुम हमारे और हम तुम्हारे थे
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झूट
तेरे हर झूट पे यकीन करने का मन करता है पर क्या करें तेरा हर सच बहुत कड़वा होता है
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बैठा है वो किसी और की पनाहों में रहता जो कभी मेरी निगाहों में दूर हो गया हूँ खुद से इतना जो पास था कभी खुद के उसके आने से
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जीवन पथ जटिल है ये , कालचक्र कठिन है ये , पग - पग पे भेद भाव है , रक्त - रंजित पाँव है , जन्म से किसी के सर वंश की छाँव है , झूठ के रथ...
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तेरी हर आरज़ू मेरी चाहत बन जाये तेरी हर शाम मेरे नाम हो जाये जो पूरा हुआ ये खवाब तो खुदा की इनायत तेरी इबादत बन जाये