Sunday, May 15, 2011


nazarandaz

नज़रंदाज़ करना भी एक आदत है 
पर उसे मत नज़रंदाज़ करो जिसे तुम्हारी आदत है

nazarandaz

नज़रंदाज़ करना भी एक आदत है 
पर उसे मत नज़रंदाज़ करो जिसे तुम्हारी आदत है

wajud

जुदा करके मुझे मेरे वजूद से वो चला गया ऐसे
जैसे कभी था ही नहीं मेरा वजूद उसके लिए

झूट

तेरे हर झूट पे यकीन करने का मन करता है  पर क्या करें तेरा हर सच बहुत कड़वा होता है