heart desire
zest for ur desire
Saturday, September 29, 2012
बस शायद ...... और शायद ..... यूँ
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झूट
तेरे हर झूट पे यकीन करने का मन करता है पर क्या करें तेरा हर सच बहुत कड़वा होता है
(no title)
बैठा है वो किसी और की पनाहों में रहता जो कभी मेरी निगाहों में दूर हो गया हूँ खुद से इतना जो पास था कभी खुद के उसके आने से
(no title)
जीवन पथ जटिल है ये , कालचक्र कठिन है ये , पग - पग पे भेद भाव है , रक्त - रंजित पाँव है , जन्म से किसी के सर वंश की छाँव है , झूठ के रथ...
(no title)
तेरी हर आरज़ू मेरी चाहत बन जाये तेरी हर शाम मेरे नाम हो जाये जो पूरा हुआ ये खवाब तो खुदा की इनायत तेरी इबादत बन जाये
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