heart desire
zest for ur desire
Sunday, April 17, 2011
क्यूँ आज मन उदास है
क्यूँ आज सपने नहीं मेरे पास है
क्या उठ गया है विश्वास खुद से
की शक में शक्शियत मेरी आज है
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झूट
तेरे हर झूट पे यकीन करने का मन करता है पर क्या करें तेरा हर सच बहुत कड़वा होता है
झूट
तेरे हर झूट पे यकीन करने का मन करता है पर क्या करें तेरा हर सच बहुत कड़वा होता है
(no title)
जननी हूँ तेरी ना लूट मेरी आबरू सरेआम मानती हूँ रखवाला तुझे अपना ना तोड़ मेरा भरोसा सरेआम
(no title)
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