Sunday, September 25, 2011

किस्मत

किस्मत वो शब्द जिसे हर कोई जानना चाहत है बड़ा ही विचित्र किस्म का शब्द है | कोई जान कर भी अनजान है और जो नहीं जानता वो उलझन में है | आखिर क्या लिखा है किस्मत मै काश जान पाते तो चन्द ख़ुशी के पल लिख देते

Wednesday, September 21, 2011

वक़्त

आज जो मिले ख़ुशी से हम कल गम भी हमने ख़ुशी से बाटें थे
थे रेत की राहों पे और सिमटे थे साहिल की बाहों में 
आज महसूस हुई जो लहरों की चोट तो  समझ में आया 
ना हम तुम्हारे थे ना तुम हमारे थे 
ये तो वक़्त की ज़रुरत थी तुम्हारी जो तुम मेरे किनारे थे  
जो अब राहें हैं अकेली और हम भी हैं तनहा 
तो याद आता है वो लम्हा जब तुम हमारे और हम तुम्हारे थे

झूट

तेरे हर झूट पे यकीन करने का मन करता है  पर क्या करें तेरा हर सच बहुत कड़वा होता है