heart desire
zest for ur desire
Monday, March 21, 2011
जिस रात की सुबह नहीं उस रात का मुसाफिर हूँ
काफ़िर तो नहीं पर इस रात की ख़ामोशी का कायल हूँ
Thursday, March 17, 2011
तेरी हर आरज़ू मेरी चाहत बन जाये
तेरी हर शाम मेरे नाम हो जाये
जो पूरा हुआ ये खवाब तो
खुदा की इनायत तेरी इबादत बन जाये
बैठा है वो किसी और की पनाहों में
रहता जो कभी मेरी निगाहों में
दूर हो गया हूँ खुद से इतना
जो पास था कभी खुद के उसके आने से
Wednesday, March 16, 2011
बैठा
Tuesday, March 15, 2011
एक तरफ़ा प्यार जो हमने किया , जुदा होकर वो चले गए तो हमें कोई गिला न हुआ
हमने तो उनकी हर नज़र में अपने को दूंढा लेकिन उन नज़रों में सब मिले बस हमें अपना ही अक्स न मिला
Monday, March 14, 2011
आज भीगी है पलकें उनकी याद में
अक्स भी सिमट गए है अपने आप में
ओस की बुँदे ऐसी बिखरी है पत्तों पर
मानो हमारे साथ चाँद भी रोया हो उनकी
याद में
Sunday, March 6, 2011
मत करो कोई वादा जिसे निभा न सको
मत चाहो उसे जिसे तुम पा न सको
प्यार कहाँ किसीका पूरा होता है ?
प्यार का तो पहला अक्षर ही अधूरा होता है
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झूट
तेरे हर झूट पे यकीन करने का मन करता है पर क्या करें तेरा हर सच बहुत कड़वा होता है
(no title)
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(no title)
चेहरा
कितना कुछ बदलता है यहाँ हर रोज़ एक नया चेहरा मिलता है यहाँ कहता है हर शख्स यहाँ मेरी शखशियत ही कुछ और है मालूम हो तुम्हें तो मेरी इंसा...